How to Overcome Laziness ? Motivation Ki Aag with the Help of Bhagavad Gita As it is.

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How to Overcome Laziness ? Motivation Ki Aag with the Help of Bhagavad Gita As it is.

दोस्तों,आज के इस Blog में हम देखेंगे की आप किस तरह से अपने आलस को कैसे कम कर सकते हो और अपनी पूरी उर्जा अपने काम में लगा सकते हो।

दोस्तों, मेरा नाम है Amol और आप सभी का स्वागत करता हूं मेरे Blog E-World Hub पर।

How to Overcome Laziness with the Help of Bhagavad Gita
How to Overcome Laziness with the Help of Bhagavad Gita

आज मेरा मन था आपसे कुछ Bhagavad Gita (भगवद गीता) की बाते शेयर करू | Bhagavad Gita क्या है? यह पुर्थ्वी के इतिहास में पहला ऐसा Motivational Seminar था जो भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को दिया था | अर्जुन बोलता है आपने भगवान् श्री कृष्ण को की मुझसे युद्ध नहीं होगा | में युद्ध जीता तो भी हारा और युद्ध हारा तो भी हारा, तो में युद्ध क्यों करू | अर्जुन बोलता है मेरे रोंगटे खड़े हो गए, मेरे आखों से आसू बह रहे है, अर्जुन ने अपना धनुष्य यानि गांढीव भी नीचे रख दिया, ऐसा घबराया हुआ अर्जुन, इतना टेंशन में था उसने decision लेने को मना कर दिया | देखिये अर्जुन का एक अपना युद्ध था, आपका, मेरा, doctor, lawyer, CA, Student, Teacher हम सबका एक आपना युद्ध होता है |


जितने भी ये Blog पढ़ रहे है ना, आपके भी जीवन में एक युद्ध है जिसमे indecision, जिसमे उस युद्ध को पूरी तरह ना जित पाना बड़ा dangerous है | देखिये ध्यान दीजिये, काम शुरू करने को काम करना नहीं कहते, काम की planning को भी काम करना नहीं कहते, काम करने को भी काम करना नहीं कहते, काम करते रहने को भी काम करना नहीं कहते, तो काम करना किसको कहते है ? काम ख़तम कर देने को काम करना कहते है | मेरी बात समझिये Complete Your Task |

कृष्ण अर्जुन को कहते है, ये पुत्र अर्जुन तुममे ये नुपुन्सुकता कहा से आयी ? तुमको ये शोभा नहीं देता | तुम्हारी ह्रुदय की जो दुर्बलता है इसको छोड़ो, हे अर्जुन उठो, इसको त्याग के खड़े हो जाओ |

ये जो काम चोर इंसान होते है ना, ये आलस्य को ही अपनी किस्मत मान बैठते है | ये जो बैठे रहते है ना, ऐसी ही बैठे रहते है ना, बैठे बैठे बोलते रहते है मेरी तो किस्मत ही ऐसी है, इधर एक हाथ में अंगूठी, इधर अंगूठी, उधर दुसरे हाथ में ३ अंगूठी | देखिये ध्यान दीजिये कृष्ण कहते है खड़े हो जाओ अर्जुन खड़े हो जाओ, ये जो तुम्हारी ह्रुदय की दुर्बलता है जो तुम decision नहीं ले रहे हो |

चाणक्य पंडित कहते है आलस में दरिद्रता का वास है | आलस करने में आलस करो, आलस मत करो |

लोग ना काम न करने के बहाने ढूंढते रहते है, में इसलिए नहीं कर सकता, इसलिए नहीं कर सकता, इसलिए नहीं कर सकता, काम न करके अगर बहाने ढूंढ सकते हो तो आप काम करने के भी तो बहाने ढूंढ सकते हो | मेरे/मेरी दोस्त के दादाजी की बहन की जीजा की जो लड़की थी ना उनकी मछली मर गयी बिचारी, बड़ी tragedy हो गयी, अरे काम ना करने के नहीं काम करने के बहाने ढूंढो, Strong Reason ढूंढो | कितनी बार भी गिरे, कितनी बार भी ठोकर लगे, आज भी जमाना इसी बात से खलता है, की ये आदमी इतनी ठोकर खाके भी सीधा कैसे चलता है | बड़ी जिंदगी में भी ठोकरे पड़ी मेरे को भी, बहोत ठोकरे पड़ी, ठोकर खाते हुए तो आप मुझे देख लोगे, ठहरे हुए नहीं देख पाओगे |

कृष्ण कहते है ये अर्जुन खड़े हो जाओ, जब भी में भगवद गीता पढता हुना ताकत आ जाती है मेरे अंदर, क्या कहते है कृष्ण अर्जुन से, देखिये कृष्ण ने सिर्फ अर्जुन को नहीं बोला, अर्जुन के माध्यम से मुझे, आपको और पुरे संसार को दिया है ये ज्ञान | अर्जुन को तो ५००० साल पहले दे दिया, अपको और मुझे देने को फिरसे दोबारा अवतार नहीं लेंगे | यही भगवद गीता आज ही जाकर खरीद लीजिये और पढ़िए इसे | अगर ऐसे ही Blog और आपको चाहिए तो हमारे वेबसाइट को अभी subscribe कीजिये | इस Blog को share कीजिये, देश को बता सकते है कि भगवद गीता केवल एक धार्मिक किताब नहीं है, ये एक powerful, motivational tool, एक जीवन जीने की कला इसको पहुंचाइए आस पास |

– तो आशा करता हूँ की आप लोग समझ गये होंगे की आप किस तरह से आलस को दूर करके अपने काम को अपने सपनो को पूरा कर सकते है | भगवद गीता को अभी जाके ख़रीदे आपको अपने सरे सवालों का जवाब मिल जायेगा | अगर आपके मन में अभी भी कोई शंका है तो नीचे हमे Comment Box में पुछ सकते है में आपको उसका Solution दे दूंगा |

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3 thoughts on “How to Overcome Laziness ? Motivation Ki Aag with the Help of Bhagavad Gita As it is.”

  1. बहुत ही सुंदर लेलहा लिखा है ।पढ़ ले बहुत अच्छा लगा।

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